D2M (Direct To Mobile) Technology क्या है ?
D2M (Direct To Mobile) टेक्नोलॉजी भारत में जल्द ही परीक्षण के लिए शुरू होगी। यह IIT कानपूर और Saankhya Labs के सहयोग से विकसित हो रही है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए देशभर में मोबाइल डिवाइस्स बिना इंटरनेट कनेक्शन के मल्टीमीडिया सामग्री को स्ट्रीम कर सकेंगे।
D2M (Direct To Mobile) टेक्नोलॉजी क्या है ? पूरी जानकारी
D2M का पूरा नाम Direct to Mobile है, जो एक प्रसारण टेक्नोलॉजी है जो मोबाइल डिवाइसों को बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के सामग्री स्ट्रीम करने की अनुमति देती है, चाहे वो शिक्षात्मक हो या मनोरंजन से जुड़ा हो। D2M टेक्नोलॉजी LMRS (Land to Mobile Radio System) का उपयोग सामग्री प्रसारण के लिए करती है। अब तक, यह रेडियो संचार प्रणाली केवल आवाज प्रसारण या आपदा सूचनाओं के लिए ही उपयोग होती थी, लेकिन अब भारत सरकार इसे वीडियो सामग्री प्रसारण के लिए भी लागू करेगी।
D2M सेवाएं 526 – 582 MHz की आवृत्ति पर काम करेंगी, जो वर्तमान में डिजिटल भू-आधारित प्रसारण चैनलों जैसे Prasar Bharati (DD) के लिए उपयोग होती है। इसे रेडियो सुनने के तरह सोच सकते हैं, जहां विशिष्ट आवृत्तियों को सामग्री सुनने के लिए चुना जाता है, लेकिन D2M टेक्नोलॉजी मल्टीमीडिया सामग्री को स्ट्रीम कर सकती है।
भारत के लिए D2M टेक्नोलॉजी कौन विकसित कर रहा है?
मानक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत, IIT कानपूर भारत में D2M टेक्नोलॉजी Saankhya Labs के साथ मिल कर विकसित कर रहे है।
IIT Kanpur और Saankhya Labs ने D2M (Direct To Mobile)
टेक्नोलॉजी के विकास में सहयोग किया है। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग भारत में
बिना इंटरनेट कनेक्शन के मोबाइल डिवाइसों पर मल्टीमीडिया सामग्री को
स्ट्रीम करने के लिए किया जा सकता है।
IIT Kanpur ने Prasar
Bharati और Telecommunications Standards Development Society, India
(TSDSI) के साथ मिलकर 'भारत के लिए डायरेक्ट टू मोबाइल और 5G ब्रॉडबैंड -
भारत के लिए संघटन मार्गदर्शिका' पर एक Conclave आयोजित किया था। इस
कार्यक्रम में NextGen Broadcast technology का प्रदर्शन किया गया और
इसका Proof-of-Concept भी दिखाया गया था। इस अवसर पर भारतीय
टेलीकॉम्यूनिकेशन, ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी और प्रसारण उद्योग के प्रमुख
व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जैसे कि TRAI Chairman Dr. PD Vaghela, Ministry of Information and Broadcasting के सचिव Apurva Chandra, TSDSI NG Subramaniam, Department of Telecommunications के Member
(Technology) AK Tiwari, Prasar Bharati CEO Shashi Shekhar Vempati, IIT Kanpur Director Prof. Abhay Karandikar, और TSDSI DG Ms Pamela
Kumar
D2M (Direct To Mobile) टेक्नोलॉजी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है:
1. शिक्षा: इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षा संसाधनों को छात्रों के मोबाइल डिवाइस पर पहुँचाया जा सकता है। यह वीडियो लेक्चर, शैक्षिक ऐप्स, और अन्य शिक्षा सामग्री को बिना इंटरनेट कनेक्शन के उपलब्ध कराता है।
2. मनोरंजन: यह टेक्नोलॉजी रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों के लिए वीडियो सामग्री प्रसारण के लिए भी उपयोग हो सकती है। यह दर्शकों को बिना इंटरनेट कनेक्शन के अपने मोबाइल डिवाइस पर टीवी शो, फिल्में, खेल, और अन्य मनोरंजनिक सामग्री का आनंद लेने की अनुमति देती है।
3. आपदा सूचना: यह टेक्नोलॉजी आपदा सूचनाओं को बिना इंटरनेट कनेक्शन के लोगों के मोबाइल डिवाइस पर पहुँचाने में भी मदद कर सकती है। यह जीवन बचाने और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
D2M टेक्नोलॉजी का उपयोग करके, भारत में लोग बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी वीडियो, ऑडियो, और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री का आनंद ले सकते हैं।
उम्मीद करता हु के आपको ये जानकारी समझ मे आगई होगी,
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