आपकी सेहत को नुकसान हो सकता हैं इन घरों के बर्तनों से

एल्युमीनियम और स्टील के बर्तन से होने वाले नुकसान

एल्युमिनियम बर्तन के कारण होने वाले नुकसान, सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं घरों के बर्तन, सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं घरों के बर्तन, एलुमिनियम का बर्तन शरीर का दुश्मन, स्टील के बर्तन में खाना बनाने के नुकसान
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सावधान अगर आप इन सभी बर्तनों को करते हे इस्तेमाल

Be careful if you use all these utensils

अगर आपके घर में खाना बनाने और खाना खाने में एल्युमीनियम और स्टील के बर्तन लिए जाते हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए आप इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़िए गा

क्योंकि आज आपको इन बर्तनों के बारे में ऐसी जानकारी मिलने वाली है जिसको जानने के बाद आप शायद ही इसका इस्तेमाल अपने घर में करेंगे -जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा
  • दोस्तों आजकल हमारे घर में अधिकतम बर्तन एल्युमीनियम स्टील के बने हुए होते हैं और अगर पूरी दुनिया की बात करें तो लगभग 60 फीसदी बर्तन अल्युमिनियम से बनाए जाते हैं क्योंकि वह दूसरी धातु के मुकाबले काफी सस्ती होती है और टिकाऊ भी
आज आपको बताया जाएगा एल्युमीनियम और स्टील के बर्तन हमारी जिंदगी में कैसे जहर घोल रहे हैं
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सबसे  पहले बात करते हैं एलुमिनियम के बर्तन के बारे में

  • आज से लगभग 100 से 300 साल पहले ही एल्युमीनियम के बर्तन भारत में आए इन से पहले हमारे घरों में इन बर्तनों का इस्तेमाल हमारे देश में नहीं होता था
  • पहले के घरों में लोहा पीतल कांसा चांदी फुल आदि के के बर्तन उपयोग में लिए जाते थे और बाकी मिट्टी के बर्तन उपयोग होते थे 
  • 150 सालों में ऐसा क्या हो गया जो हम अपने घर में एलुमिनियम और पीतल के बर्तन उपयोग करने लगे हैं, तो ध्यान से पढ़िए इस पोस्ट को आखरी तक
  • दोस्तों आपको पता ही होगा अंग्रेजों ने हमारे देश में 200 साल तक राज़ किया, दोस्तों 18 century में अंग्रेजों के देश में एल्युमीनियम का आविष्कार हुआ ताकि वो एल्युमीनियम से हवाई जहाज मिसाइल चंद्रयान रॉकेट आदि बना सके क्योंकि एलुमिनियम में किसी भी तरह का  प्रेशर बरदाश्त करने की ताकत बहुत है 
  • तो जब उन्होंने यह सब बनाया तो उस समय अंग्रेजों के उन्हीं के देश के वैज्ञानिक ने बताया ये खाने पीने के लिए बहुत खराब धातु है बाकी सब चीजों के लिए अच्छा है 
  • उसके बाद अंग्रेज सरकार ने भारत सरकार के लिए कानून बना दिया के भारत के सभी जेलों में जितने भी क्रांतिकारी है जो बंद है उन सभी को एलुमिनियम के बर्तन में ही खाना चाय और पानी दिया जाए,
  • दोस्तों उस समय अंग्रेज सरकार द्वारा एलुमिनियम के बर्तन बनाने का जो पहला नोटिफिकेशन आया वह जेल के कैदियों के लिए ही आया और अंग्रेज सरकार ने यह तय किया जेल के सभी कैदियों को एल्युमिनियम के बर्तन में ही भोजन दिया जाए क्योंकि यह भारत के क्रांतिकारी है क्यूंकि अंग्रेजों को उन्हें मारना है उस समय जितने भी लोग जेल में थे वह सब क्रांतिकारी थे और उनको जानबूझकर एलुमिनियम के बर्तनों में खाना दिया जाता था ताकि यह जल्दी मरे या फिर मरने के कगार पर आ जाए और पता भी ना चले और मर जाए ( स्लो प्वाइजन )
  • समझ बूझ के अंग्रेजों ने एलुमिनियम के बर्तन भारत में इंट्रोड्यूस किए लेकिन अब अंग्रेज तो चले गए लेकिन आज भी जेल में खाना एलुमिनियम के बर्तनों में ही दिया जाता है क्योंकि यह कानून अंग्रेज बना के चले गए 
  • लेकिन अब य समस्या ऐसी हो गई के जेल से यह बर्तन हमारे घरो में आ गए और हर घर में इसका इस्तेमाल होने लगा 
  • आपको बता दें इन बर्तनों में खाना पका के खाने से 1 औसतन मनुष्य की बॉडी में प्रतिदिन 4 से 5 मिलीग्राम एलुमिनियम चला जाता है और मानव शरीर इतने एलुमिनियम को शरीर से बाहर करने में समर्थ नहीं होता और फिर शुरू होता है बीमारियों का खेल 
  • एलुमिनियम कितना खराब है यह पता लगाने के लिए श्री राजीव दिक्षित जीने C D R I ( central drug research institute ) कुछ वैज्ञानिकों से बात की आप पता कीजिये के ये एलुमिनियम हमारे बॉडी के लिए कितना हानिकारक है ।
  • तो वैज्ञानिकों के रिसर्च के अनुसार भोजन बनाने और रखने का सबसे खराब अगर कोई मैटल है तो वह एलुमिनियम ही है ऐसा वैज्ञानिकों ने कहा 18 साल का रिसर्च यह कहता है के बार बार अगर हम एलुमिनियम में खाना खाते रहे तो यह एल्युमीनियम मांसपेशियों किडनी लीवर और हड्डियों में जमा हो जाता है जिसके कारण कहीं गंभीर बीमारियां घर कर जाती है जैसे डायबिटीज टीबी अस्थमा ब्रोंकाइटिस अर्थराइटिस कमजोर यादाश्त डिप्रेशन मुंह में छाले होना शुगर अपेंडिस की समस्या किडनी का फेल होना अल्जाइमर आंखों की समस्या डायरिया ऐसे करके 48 रोग होने के खतरे बढ़ जाते हैं तो आप समझ गए होंगे के एलुमिनियम कितना खराब धातु है हमारे भोजन करने के लिए और बनाने के लिए 
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  • और बात यहीं पर ही खत्म नहीं होती अब एलुमिनियम से ज्यादा हर घर में स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल होता है आज घरों में ग्लास से लेकर थाली चमचे कटोरिया सब स्टील से बन कर आ रहे हैं अब आप सोच रहे होंगे के अब स्टील के बर्तनों में ऐसा क्या है स्टील के बारे में आपने गूगल पर और कहीं ना कहीं से सुना होगा के स्टील नॉन रिएक्टिव हे । यानि स्टील का ना अच्छा असर हे और ना बुरा असर हे । लेकिन दोस्तों ये सच नहीं है स्टील को बनाने के लिए 15 से 20 प्रतिसत क्रोमियम और 8 से 10 प्रतिसत निकेल मिलाया जाता है और उसके साथ ही कोबाल्ट टाइटेनियम कार्बन गंधक नएट्रोजन मॉलीबडेनम भी स्टेन लेस्स स्टील बनाने में मिलाया जाता हे जो कि हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है 
  • दोस्तों हो सकता है स्टील को लेकर आपके मन में काफी सवाल उठ रहे होंगे पर क्या स्टील सच में खराब है एल्युमीनियम हमारे शरीर के लिए सचमुच हानिकारक है इसका प्रमाण क्या है की ये ख़राब हे इस तरह के सवाल आपके मन में उठ सकते हे  तो चलिए दोस्तों इसका प्रमाण आपको हम देते है 
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एलुमिनियम और स्टील के बर्तन से होने वाले नुकसान



  • एलुमिनियम और स्टील कितना ख़राब हे इसका पता हम एक प्रयोग के द्वारा करेगे ये प्रोयोग बहुत ही सरल है सीधा हे और आपभी इसे घर पर आसानी से कर सकते हे 
  • 1 व्यक्ति जो आपके सामने खड़ा है उसमे कितनी ताकत है उसको जाचने के लिए हम उसके हाथ पर अपने हाथ से दबाव डाले गए और सामने वाले व्यक्ति से कहेगे के आप अपना पूरा जोर लगाइए ताकत लगाइए ताकि में इसे नीचे ना कर पाउ लेकिन जब आप हाथ नीचे करने की कोसिस करेगे पर वो हाथ उसका नीचे नहीं जायेगा क्योंकि अभी उनमें ऊर्जा भरी हुई है लेकिन जेसे ही आप उसके हाथ में कोई एल्युमिनियम का कोई भी एक बर्तन देंगे 1 मिनट तक उसे पकड़े रहने को कहेंगे उसके बाद जो होगा उस पर आपको यकीन नहीं होगा । लगभग 1 मिनट बाद दूसरी बार आप उसके हाथ पर अपने हाथ का  प्रेशर डालेंगे तो आप मालूम पड़ेगा कि उसका हाथ आसानी से नीचे हो रहा है तो कहां गई उनकी शक्ति केवल पकड़ने से ही ऊर्जा का नाश हो रहा है तो सोचिए अगर हम इसमें में भोजन करेंगे तो यह कितना नुकसानदायक है अब उनकी खोयी सकती वापस लाने के लिए उनके हाथ में तांबे का कोई बर्तन या पात्र देदे । और फिरसे आप इस प्रयोग को करेंगे तो आप देख सकते हैं उनकी उर्जा वापस आ गई है और उनका हाथ नीचे नहीं जा रहा तो ये पावर हे अलग अलग बर्तनों की  दोस्तों आप ताबे के अलावा पीतल कांसा मिट्टी के बने बर्तन सोना या चांदी के बर्तन भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसमें भी आपको यही रिजल्ट मिलेगा हमें पता है कि आपको यकीन नहीं हो रहा है हमें भी नहीं हो रहा था।
  • लेकिन जैसे हम को यह सब पता चला तो हमने यह जानकारी आप तक शेयर कर दी आप सभी धातु का इस्तेमाल करके घर पर ही चेक कर सकते हैं के कौन सी धातु सही है और कौनसी नहीं और यही प्रयोग आप के खाने की चीजों के साथ भी कर सकते हैं उसमें भी आपको यही रिजल्ट मिलेगा जो आपने प्रयोग किया है तो आप इसे ट्राई जरूर कीजिए
  • दोस्तो ये स्टील एलुमिनियम और नॉन स्टिक बर्तनों में जब हम खाना पकाते हैं तो उसमें रासायनिक प्रकिया  होती है जिसके कारण इन बर्तनों में मौजूद धातु हमारे द्वारा बनाए हुए भोजन के साथ मिल जाते हैं और खाने के दौरान हमारे पेट में जाकर जमाँ होते हैं और फिर ही हमे रोग होने लगते है 
  • दोस्तों ये पोस्ट में बताई हुई बाते राज़ीव् दीक्षित जी द्वारा पहले ही बताई जा चुकी है और हम इन बातों को सिर्फ बाते ही बनाके नहीं रखना है अपने जीवन में भी उतारना हे ताकि हम गंभीर बीमारियों से बचे रहे तो पर अब सवाल यह उठता हे की हम भोजन किस्मे पकाये ?
  • दोस्तों पहले के लोग पीतल, ताँबा, कांसा और मिटटी के बर्तनों में अपना भोजन पकाते थे और खाते थे पर अब समय बदल गया है लोग बदल गए है अभी सबको सारी चीज़ें जल्दी चाहिए और इन तेज़ गति से बढ़ रही बीमारियों को देखते हुए लगता है के अब हम सबको फिरसे खाने के लिए पुराने तौर तरीके अपनाने पड़ेंगे 
  • पहले जिन धातुओ में भोजन पकाया जाता था उसमे भी कोनसी धातु में कौनसा भोजन पकाना हे इसपर भी विषेस धियान रखा जाता था क्योंकि ताँबा और पीतल जैसी धातु में खट्टी चीज़े रियेक्ट करती है जो की हमारे लिए नुकसान दायक हे 
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  • इसके अलावा मिटटी के बर्तन सर्वश्रेष्ट माने गए है आप मिटटी के बर्तनों में कुछ भी पका सकते हे कोई नुकसान नहीं है आपको बतादे के मिट्टी के बर्तन में भोजन बनाने से 100 % पोसाक तत्व मिलते है और भारत सरकार द्वारा CDRI  की लेबोरेटी में कराये गए मिट्टी के बर्तन के अंदर बनी दाल के परीक्षणो से कही बार ये बात स्पष्ट हो चुकी है इसके साथ ही कांसे के अंदर जो भोजन बनता है 97 % पोसाक विद्यमान  तत्व रहते है, और पीतल के बर्तन के अंदर बन्ने वाले भोजन में 92 % पोसाक तत्व विद्यमान रहते है और ये सभी तथ्य CDRI के लेबोरिटी से प्रामाणित हे
  • दोस्तों इस पोस्ट को बनाने का मकसद आप सभी को सचेत करना है के आप जल्द से जल्द इन एलुमिनियम और स्टील और नॉनस्टिक और मेलामाइन से बने हुए बर्तनों का इस्तेमाल करना बंद कर दे क्योंकि यह धीमा जहर आपको कब बीमार बनाएगा कुछ नहीं पता इसलिए आज से और अभी से इस मिशन में जुड़ जाइए ।
और हां इस पोस्ट को जरूर शेयर कीजिये गया क्योंकि 121 करोड़ की आबादी में हर घर में ये बर्तन का उपयोग किया जाता है तो मिशन थोड़ा बडा जरूर है दोस्तों, लेकिन आप सभी हमारे साथ हे तो ये जानकारी जरूर पोहचेगी
अगर हरेक व्यक्ति इसे शेयर करता है तो 100 % ये जानकारी भारत के सभी लोगो तक आराम से पोहच जायेगी तो इसी के साथ उम्मीद करता हु के आपको ये पोस्ट अच्छा लगा होगा 
धनियवाद