स्मार्टफोन के बारे में 7 ऐसे Popular झूठ

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7 झूठ About Smartphone

 

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 Smartphone के बारे में 7 ऐसे झूठ जिसे जान कर आप दंग रेह जाओगे


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एक सर्वे के मुताबिक भारत में लगभग 30 करोड़ स्मार्टफोन यूज़र है और अगर इतने ज्यादा यूजर्स है तो स्मार्टफोन तकनीकी के बारे में लोग कुछ ना कुछ जरूर जानते होंगे, और अगर जानते होंगे तो उस ज्ञान को आते जाते गली मोहल्ले और घर पर किसी ना किसी को चिपकाते रहते होंगे आपने भी कभी ना कभी किसी  ज्ञानी से यह ज्ञान जरूर लिया होगा 
➤ के जैसे उनका फोन बेहतर है फोन की देखभाल कैसे करनी है फोन को सामने की जेब में ना रखें पूरी रात चार्ज ना करें वगैरा-वगैरा
➤ तो चलिए आज इस पोस्ट में स्मार्टफोन से जुड़ी हुई कहीं झूठ का पर्दा उठाएंगे जिन्हें हम आज तक सच मानते आए हैं मगर वह सब अफवाह पर है

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 समार्टफोन के बारेमे अफवाएं जानिए

➙ अफवाह नंबर 1

1). पेट्रोल पंप पर फोन इस्तेमाल करने से लगेगी आग

  • अगर पेट्रोल पंप पर किया फोन यूज़ लग सकती है आग, आपने पेट्रोल पंप पर वह चेतावनी जरूर देखी होगी जिस पर लिखा होता है कृपया अपना मोबाइल पेट्रोल भराते वक्त स्विच ऑफ रखे
  • लेकिन क्यों ? तो इसका जवाब आए हुए व्हाट्सएप द्वारा इमेज या वीडियो द्वारा मिल जाता है कि फल जगह पर पेट्रोल पंप पर मोबाइल पर बात करने से आग लगी
लेकिन क्या आपने सोचा है के सच्चाई क्या है
  • जरा सर पेट्रोल पंप पर फोन के रेडिएशन सिग्नल कोई खतरा नहीं होता ऐसा कोई प्रमाणित किस्सा नहीं है के जैसे कहां जाएं फोन के रेडिएशन से आग लगी है . ऐसा कोई किस्सा नहीं है इससे यह साबित हो जाए 
  • गैस और पेट्रोल जलन सील होते हैं लेकिन आग सिर्फ किसी स्पार्क से होती है 
  • फोन से डर बैटरी के कारण होता है अगर बैटरी जरा भी खराब है तो ब्लास्ट हो सकता है लेकिन ऐसा भी कोई वाक्य देखने नहीं मिला लेकिन आप सब लोग सोचते होंगे हमने तो यह सब वीडियो व्हाट्सएप पर देखिहे यह कैसे हो सकता है 
  • जरासर इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है ज्यादातर मामलों में इसका मुख्य कारण Static electricity होती है गाड़ी में बैठे रहने से शरीर चार्ज हो जाता है और रब्बर के जूते पहने होने के कारण किसी मेटल को ना छूने के कारण static electricity discharged  नहीं होती । और शरीर में बनी रहती है और आदमी जैसे ही पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पाइप नोजल या पेट्रोल फ्यूल के आसपास किसी मेटल को छूता है तो वहां स्पार्क होता है तो वहां आग लगने का मुख्य कारण बन जाता है
  •  पेट्रोल पंप पर वार्निंग सिर्फ थियोरेटिकल पॉसिबिलिटी के लिए लगे होते हैं फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन खुद यह बात को साफ-साफ नकार चुकी है यानी के मोबाइल से पेट्रोल पंप पर कोई खतरा है ही नहीं यहां तक की आप जलती हुई सिगरेट से भी पेट्रोल मैं आग भड़का नहीं सकते अब यह मत सोचना आप के फिल्मों में मूवी में ऐसा होते हुए देखा है हां पर ऐसा कर ने का सोचना भी मत

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अफवाह नंबर 2

2). रात भर चार्ज करने से खराब होती है बैटरी

  • बैटरी स्मार्टफोन के लिए सबसे जरूरी चीज है लेकिन इसे लेकर लोगों में तरह तरह के भ्रम है आपको बता दें स्मार्टफोन के बैटरी के बारे में बहुत से दावे झूठे हैं जैसे कि बताया जाता है कि रात भर बैटरी चार्ज करने से बैटरी खराब हो जाती है आपको बता दें कि यह पुराने मोबाइल के लिए सही बात है 
  • लेकिन आज के दौर के फोन के बारे में यह कहना सही नहीं है स्मार्ट फोन की बैटरी भी अब स्मार्ट हो गई है नई फोन का आज मैकेनिज्म कुछ ऐसा है फुल चार्ज होने पर बैटरी अपने आप इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई बंद कर देती है अगर फोन की आईसी यानी कि इंटीग्रेटेड सर्किट या चार्जर में कोई समस्या है तो बैटरी खराब हो सकती है नहीं तो नहीं होगी

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➙ अफवाह नंबर 3

3). बैटरी पूरी तरह डिस्चार्ज होने पर ही का रिचार्ज

  • पूरी तरह से खत्म हो जाए तभी करे चार्ज, आपने यह भी सुना होगा कि बैटरी पूरी तरह से खत्म हो जाए तभी चार्ज करना चाहिए और इससे बैटरी की लाइफ बढ़ती है 
  • हम आपको बताते हैं कि आपको जब भी सही लगता है तब आप अपना मोबाइल चार्ज करें बल्कि इसे पूरी तरह से डिस्चार्ज होने ना दें आइडियल चार्जिंग साइकिल 20 से 30 परसेंटेज होती है ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है फोन डिस्चार्ज होने से पहले फोन को चार्ज नहीं कर सकते 
  • कुछ एक्सपोर्ट सलाह देते हैं कि हर 3 महीने में एक बार बैटरी डिस्चार्ज होने पर चार्ज होनी चाहिए लेकिन इससे बैटरी की लाइफ तो नहीं बढ़ती सिर्फ यह फोन चार्ज को केलिब्रेट जरूर कर लेता है

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➙ अफवाह नंबर 4

4). ओरिजिनल चार्जर सही करें बैटरी चार्ज

  • चौथा ब्रह्म यही है हमारे अंदर सिर्फ ओरिजिनल चार्जर से ही बैटरी चार्ज करना चाहिए वरना बैटरी खराब हो सकती है  इस भ्रम को कहीं फोन मैन्युफैक्चर द्वारा प्रचारित किया जाता है वो इस लिए के आप वह  प्रीमियम रेट पर उनके कंपनी का चार्जर खरीद ले और वह बहुत ज्यादा पैसा कमा ले लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी चार्जर मैन्युफैक्चर के स्पेसिफिकेशन के मुताबिक बनाया गया है फोन के साथ इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित होता है 
  • हां लेकिन सस्ते काम चलाउ चार्जर का इस्तेमाल करने से मोबाइल खराब हो सकता है low क्वालिटी और घटिया सामग्री आग और छोटे विस्फोट का कारण बन सकते हैं 
  • अलग अलग चार्जर से अलग अलग चार्जिंग टाइम हो सकते हैं लेकिन ए बैटरी लाइफ पर असर नहीं करते

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➙ अफवाह नंबर 5

5). चार्जिंग के दौरान ना करें बात

  • चार्जिंग के दौरान बात ना करें वरना फट सकता है फोन, यह भी कहां जाता है कि स्मार्ट फोन को चार्जिंग में लगाने के बाद इसका इस्तेमाल ना करें नहीं तो बैटरी फट सकती है या गर्म हो जाता है 
  • लेकिन ऐसा नहीं है कि चार्जिंग को स्मार्ट फोन में लगाने के बाद में यूज करने से बैटरी फट सकती है य गर्म हो जाता है, बल्कि स्मार्टफोन के हार्डवेयर में दिक्कत या खराब बैटरी के कारण शिकायत आती है या फिर लौ क्वालिटी चार्जर का इस्तेमाल करने से
बार-बार स्विच ऑफ ऑन करने से बार बार चार्ज करने से बैटरी खराब होती है यह भी बस अफवाहें भरी है

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➙ अफवाह नंबर 6

6). ब्लूटूथ और वाईफाई से स्मार्ट फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती है

  • वाईफाई को ऑन रखने से बैटरी जल्दी खत्म होती है क्या आपका ब्लूटूथ और वाईफाई कभी हमेशा ऑन रह जाता है अगर ऐसा है तो घबराइए मत क्यूंकि ब्लूटूथ और वाईफाई अगर ऑन रहते भी है तो भी व तभी बैटरी का इस्तेमाल करेंगा जब आप कोई काम कर रहे हैं उनसे कोई डिवाइस कनेक्ट करके जैसे फाइल ट्रांसफर या वाई फाई से इंटरनेट चलाना, नहीं तो इस पर बैटरी का ना के बराबर फर्क पड़ता है 
  • ब्लूटूथ और वाईफाई ओपन नेटवर्क मैं अपने आप कनेक्ट हो जाते हैं और कही बार ऑटो एप डाउनलोड भी हो जाता है इस वजह से बैटरी जा सकती है

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➙ अफवाह नंबर 7

7). ज्यादा मेगापिक्सल मतलब बेहतर कैमरा

  • आपने कहीं लोगों के मुंह से सुना होगा कि फला फोन का कैमरा ज्यादा बेहतर है क्योंकि इसमें 16 या 41 मेगापिक्सल का कैमरा है जबकि सच्चाई यह है कि फोटो की क्वालिटी मेगापिक्सल पर निर्भर नहीं करती
  •  दरअसल मेगापिक्सल ओवरऑल resolution और कैमरे की जूम की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है के इससे मोबाइल के इमेज की क्वालिटी सबसे बेहतर हो जाएगी
  • इमेज क्वालिटी न सिर्फ मेगापिक्सल पर बल्कि सेंसर की साइज अपर्चर और लेंस की ऑप्टिकस क्वालिटी और सब से बड़ा स्मार्ट फोन कैमरा के एल्गोरिधम पर निर्भर करती है 
  • आसान भाषा में ज्यादा मेगापिक्सल किसी बड़ी सीट पर प्रिंट करने के लिए इस्तेमाल होते हैं यही वजह है कि android का 21 मेगापिक्सल मोबाइल भी  apple के 8 मेगापिक्सल से फीका पड़ जाता है

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दोस्तों अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे share जरुर कीजिये ताकि दुसरो तक ये सचाई पोहचे 
और अगर और भी ऐसे fact जानना चाहते हे तो comment box में जरुर लिखे 
धनियवाद